राजनीति क्या है? राजनीती के सिद्धांत और विभिन्न प्रकार | Rajneeti Kya Hai?

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट thegyaan.in पर । आज हम आपको अपने लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं एक बहुत ही खास विषय के बारे में। वो विषय है ‘‘राजनीति क्या है’’? दोस्तों, ये बहुत ही गंभीर विषय है। आज हम आपको बताएँगे की

राजनीति विज्ञान (Political Science) क्या है ?

चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि राजनीति (Politics) किसे कहते हैं। राजनीति क्या है (Politics kya hai) इसके बारे में हर किसी की अपनी अपनी राय होती है। यानी की सभी के लिए राजनीति के मायने अलग अलग हैं। 

उदाहरण के तौर पर, एक व्यक्ति के लिए राजनीति वो है जो नेता लोग करते हैं। तो वहीं दूसरे के लिए राजनीति वो है जो TV Serial में दिखाया जाता है यानी सास बहु वाली राजनीति।

कोई अन्य व्यक्ति चालबाजी को ही राजनीति समझता है। कोई व्यक्ति धोखाधड़ी को राजनीति समझता है। यानी सभी की राजनीति के बारे में अलग-अलग Thinking होती है।

अगर आप राजनीतिक विज्ञान (Political Science) के स्टूडेंट हैं तो राजनीति के प्रति आपकी सही धारणा (thinking) होनी चाहिए की वास्तव में राजनीति क्या है ? राजनीति क्या है इसे जानने के लिए हमें पहले कुछ बातों को समझना पड़ेगा।

दोस्तों, राजनीति की भी अलग-अलग defination है जो समय के साथ बदलती रहती है। इसमें बदलाव आता रहता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। जिसके जीवन के अनेक पहलू हैं।

इन विविध पहलुओं की व्याख्या विभिन्न सामाजिक शास्त्रों के अंतर्गत की गई है। जिसमे राजनीति एक महत्वपूर्ण सामाजिक विज्ञान (Social Science) है। विद्वानों के लिए राजनीति की अलग-अलग definition रही है। जैसे की राज्य के सभी गतिविधियों का अध्ययन राजनीति कहलाता है।

तो वहीं दूसरी ओर कुछ विद्वानों का मानना है की राजनीति शास्त्र (Political Science) वह विज्ञान है जो मानव के एक सामाजिक प्राणी होने के नाते उससे सम्बंधित राज्य और सरकार दोनों संस्थाओं का अध्ययन करता है। राजनीती क्या है इसका एक अर्थ नहीं है, हर किसी के अनुसार राजनीती क्या है की अलग-अलग परिभाषा है। यकीनन हम ये कह सकते है की राजनीती क्या है के अर्थ बहुत सारे है।

राजनीति का अर्थ (meaning of politics in hindi)

पॉलिटिक्स शब्द Greek language के ‘पॉलिश’ शब्द से बना है। जिसका अर्थ है नगर राज्य।

प्राचीन यूनानी लेखक Arastu ने अपने ग्रन्थ ‘पॉलिटिक्स’ की शुरुआत इस वाक्य से किया था की मनुष्य स्वभाव से एक राजनीतिक प्राणी है। शायद आप में से बहुत कम लोगों को इस बात का पता हो की अरस्तु को राजनीति का पिता (Father of Politics) कहा जाता है।

राजनीति की परिभाषा (Definition of Politics)

दोस्तों, राजनीति की शुरुआत होती है यूनान से। यूनानी विद्वानों का मत था की ‘हमारे जीवन को बेहतर बनाने में परिवार, शिक्षा, संस्थाएं, न्याय, क़ानून और सरकार की अहम भूमिका होती है। इसी कारण ये सभी राजनीति के विषय हैं।’

गार्नर के अनुसार (According to Garner)

राजनीति शास्त्र राज्य से ही आरम्भ होता है तथा राज्य पर ही समाप्त होता है।

गेटल के अनुसार (According to Getal)

राजनीति किसी भी राज्य के अतीत, वर्तमान और भविष्य का अध्ययन है।

इसीलिए यूनानी विद्वानों के अनुसार राजनीति का सम्बन्ध संपूर्ण सामाजिक जीवन व राज्य से है। इससे हम समझ सकते हैं की यूनानी विद्वान राजनीति को राज्य तक ही सीमित रखते थे।

प्राचीन भारतीय विचारकों के मत

इनके अनुसार राजनीति को राजधर्म अथवा दंड नीति कहा गया। यानी प्राचीन भारत में राजनीति का मतलब था राजधर्म और दंडनीति था। इसका मतलब है की राजनीति राजा को धर्म सिखाती थी। इसी से राजा को अपने कार्यों के बारे में पता चलता था। 

इसके अलावा किस जुर्म के लिए आरोपी व्यक्ति को क्या सजा देनी है इसका भी बोध कराती थी। जैसे आपने सुना होगा, राजा किसी अपराधी को सजा देता है तो ये सोचता है की उसका जुर्म कितना बड़ा है।

किसी को उम्र कैद की सजा मिलती है, किसी को कोड़े पड़ते हैं तो किसी को फांसी की सजा तक दे दी जाती है। दोस्तों प्राचीन भारत में राजनीति का अध्ययन काफी विकसित था। प्राचीन भारतीय आचार्यों में मनु और कौटिल्य का नाम उल्लेखनीय है।

चलिए अब आपको बताते हैं की राजनीतिक सिद्धांत क्या है? (Principles of Politics)

मित्रों। राजनीतिक सिद्धांत ऐसे पदबंध को कहते हैं जिसे राजनीतिक दर्शन (Political Psychology), राजनीतिक चिंतन, राजनीतिक विश्लेषण (Political Analysis), राजनीतिक विचार, राजनीतिक विचारधारा, राजनीतिक व्यवस्था के सिद्धांत (Principle) के पर्याय के रूप में हमेशा से प्रयोग किया जाता रहा है।

राजनीतिक दर्शन और राजनीतिक सिद्धांत को आज भी समानार्थी ही माना जाता है। अगर देखा जाए तो ये दोनों शब्द अलग-अलग हैं। सबसे पहले हमें ये समझना होगा की राजनीतिक सिद्धांत का अर्थ क्या है ?

राजनीतिक सिद्धांत का अर्थ

जैसा की आप जानते हैं, जैसे जैसे ह्यूमन सिविलाइज़ेशन का विकास हुआ, वैसे वैसे मनुष्य किसी न किसी प्रकार की व्यवस्था के अंतर्गत आता गया। मनुष्य का किसी व्यवस्था के अंतर्गत रहना उसे बाकी प्राणियों से अलग करता है। 

राजनीतिक सिद्धांत इस प्रकार का अध्ययन है की मनुष्य किस प्रकार की व्यवस्था में रहते हैं या मनुष्य को किस प्रकार के व्यवस्था में रहना चाहिए। इस सिद्धांत के तीन आयाम हैं।

इंटरपर्सनल रिलेशंस (Interpersonal Relations)

विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों के बीच सम्बन्ध इसी सिद्धांत के अंतर्गत आते हैं।

व्यक्ति और राज्य के बीच सम्बन्ध : 

  • किसी भी व्यक्ति और वह जिस राज्य में रह रहा है उन दोनों के बीच कैसा सम्बन्ध है इसका बोध भी राजनीतिक सिद्धांत से ही होता है।
  • यह राजनीतिक सिद्धांत का सबसे अहम भाग होता है। इसमें ये देखा जाता है की राजनीतिक व्यवस्था किस प्रकार की है। राजनीतिक व्यवस्था जिस सत्ता का प्रयोग करती है उसका स्वरूप क्या है। 
  • इस बात पर भी ध्यान दिया जाता है। राजनीतिक सिद्धांत में यह भी गौर किया जाता है की सत्ता की सीमाएं क्या होनी चाहिए।
  • राज्य के कार्यों या कर्तव्यों को भी राजनीतिक सिद्धांत द्वारा ही निर्धारित किया जाता है।

ग्लोबल रिलेशंस (Global Relations)

किसी व्यक्ति के समाज में रहने वाले बाकी लोगों के साथ कैसे सम्बन्ध हैं यह भी इसी के अंतर्गत आता है। इसमें यह देखा जाता है की व्यक्ति और राज्य के बीच सम्बन्धों के सिद्धांत किसी एक राज्य लागू होंगे या सभी राज्यों में।

साथ ही ये भी पता लगाना होता है की व्यक्ति के अधिकारों का वैश्विक स्तर पर सुरक्षा से जुड़े मुद्दे क्या हैं ? इसपर भी ध्यान दिया जाता है की व्यक्ति की गतिविधियों की वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता क्या है?

तुलनात्मक राजनीति (Comparative Politics)

दोस्तों द्वितीय विश्व युध के बाद तृतीया विश्व युद्ध के प्रारम्भ ने तुलनात्मक राजनीती को बहुत व्यापक रूप प्रदान किया है। 

तुलनात्मक राजनीति की परिभाषा देते हुए राल्फ ब्रायबंती (Ralph Braibanti) ने कहा है ‘तुलनात्मक राजनीति सामाजिक व्यवस्था में उन तत्वों की पहचान और व्याख्या है जो राजनीतिक कार्यों तथा उसके संस्थागत प्रकाशन को प्रभावित करते हैं।’

एडवर्ड ए. फ्रीमैन (Edward A. Freeman) के अनुसार तुलनात्मक राजनीति राजनीतिक संस्थाओं तथा सरकारों के विविध प्रकारों का एक तुलनात्मक विवेचन एवं विश्लेषण है।

राय सी मैकरीटिस (Rai C Mercritis) के अनुसार Herodotus हेरोडोटस तथा अरस्तु के समय से ही राजनीतिक मूल्यों, विश्वासों, सरकारों, संस्थाओं और राजनीतिक व्यवस्थाओं में विविधताएं जीवंत रही हैं।  विविधताओं में सामान तत्वों की छानबीन करने के प्रयास को तुलनात्मक राजनीतिक विश्लेषण कहा जाता है।

M Kartis का मानना है की तुलनात्मक राजनीति राजनीतिक संस्थाओं और राजनीतिक व्यवहार की modus aprendi में महत्वपूर्ण नियमित्ताओं, समानताओं और असमानताओं में Comparative Study से सम्बंधित है।

इस प्रकार कहा जा सकता है की तुलनात्मक राजनीति तुलनात्मक सरकारों, गैर शासकीय राजनीतिक संस्थाओं, कबीलों, समुदायों व उनकी प्रक्रियाओं तथा व्यवहारों का अध्ययन है।

तुलनात्मक राजनीति की प्रकृति : (Nature of Competitive Politics)

तुलनात्मक राजनीति आज एक स्वतंत्र विषय के रूप में अपना स्थान बना चुकी है। जबकि ancient times में तुलनात्मक राजनीति का सम्बन्ध केवल विभिन्न सरकारों की तुलना से ही माना जाता था।

Arastu ने वैज्ञानिक पद्धति का आरम्भ करके तुलनात्मक राजनीति को एक नई दिशा देने का प्रयास किया था। Arastu के बाद Herodotus ने भी तुलनात्मक राजनीति का विकास किया था।

राजनीतिक विज्ञान (Political Science)

दोस्तों अब हम आपको बताने जा रहे हैं राजनीतिक विज्ञान किसे कहते हैं? इसका अर्थ क्या है और महत्व क्या है इस पर भी चर्चा करेंगे। 

दरअसल, राजनीतिक विज्ञान अंग्रेजी के शब्द पोलिटिकल साइंस का हिंदी रूपांतरण है। यह पॉलिटिक्स शब्द से बना है। जैसा की हमने आपको पहले भी बताया पॉलिटिक्स शब्द यूनानी शब्द ‘पोलिस’ से बना है।

जिसका अर्थ है नगर राज्य, नगर राज्यों की स्तिथि, कार्य प्रणाली एवं अन्य गतिविधियों से सम्बंधित विषयों का अध्ययन करने वाले विषय को Grease के निवासी Politics कहते थे।

आज के समय में राजनीति विज्ञान मनुष्य के उन कार्यकलापों का Study करने वाला विज्ञान है जिसका सम्बन्ध उसके जीवन के राजनीतिक पहलू से होता है।

गोरनेर के अनुसार : (According to Gurner)

राजनीतिक विज्ञान की उतनी ही परिभाषाएं हैं जितने की राजनीति के लेखक हैं। फिर भी अध्ययन की दृष्टी से राजनीति विज्ञान की परिभाषाओं को दो वर्गों में बांटा जा सकता है।

  1.  परम्परागत दृष्टिकोण :

 इसे भी आगे तीन वर्गों में बाँट सकते हैं।

1. राजनीति विज्ञान केवल राज्य के अध्ययन को कहते हैं। डॉ. Gorner के अनुसार ‘राजनीति विज्ञान के अध्ययन का आरम्भ और अंत राज्य के साथ होता है।’

2. राजनीतिक विज्ञान केवल सरकार का अध्ययन है। Lecock के अनुसार ‘राजनीतिक विज्ञान सरकार से सम्बंधित है।’ उस सरकार से जिसका आधार व्यापक अर्थ में प्राधिकार का मूलभूत विचार है।

3. राजनीतिक विज्ञान राज्य और सरकार दोनों का अध्ययन है। Gilchrist की मानें तो राजनीतिक विज्ञान सरकार और राज्य की सामान्य समस्याओं का अध्ययन करता है।

b) परिभाषा सम्बन्धी आधुनिक दृष्टिकोण : 

इसमें Loswale कहते हैं – ‘Political Science का अभीष्ट वह राजनीति है जो यह बताये की कौन, कब, क्या और कैसे प्राप्त करता है।’

Robert A Dehen कहते हैं – ‘किसी भी राजनीति व्यवस्था में शक्ति, शासन अथवा सत्ता का विशेष महत्व है।’ इसे पढ़कर यक़ीनन आप जानेंगे कि राजनीति क्या है और इसके विभिन्न प्रकार कितने है।