Durga Chalisa PDF

हमारे सभी पाठकों का हम website पर आने के लिए धन्यवाद करते हैं| आज हम आपको बताएंगे की Durga Chalisa PDF आप कैसे download कर सकते हैं?

जैसा की हम सब जानते ही हैं, दुर्गा मां की कृपा हम सब पर बने रहना कितना जरूरी है| जो भी दुर्गा मां की पूजा करता है उसको सभी सुखों की प्राप्ति होती है|

भारत में नवरात्रि ही ऐसा पावन पर्व है जब हम सब मिलकर मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं| लेकिन सोने पर सुहागा तब होता है जब हम केवल नवरात्रि के दिनों में ही नहीं, रोजाना हम दुर्गा चालीसा का पाठ करें| चलिए बताते हैं की अगर आप रोज़ दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं तो आपको क्या लाभ मिलता है?

दुर्गा चालीसा पढ़ने के लाभ

  • जो व्यक्ति दुर्गा चालीसा का पाठ करता है उसे आध्यात्मिक और भौतिक सुख की प्राप्ति होती है|
  • अगर आपका मन बहुत अशांत रहता है तो आपको daily दुर्गा चालीसा पढ़नी चाहिए| इससे आपके मन को शांति का अनुभव होगा| ये परम्परा ऋषिमुनियों के समय से चली आ रही है| ऋषी मुनी भी अपने मन को शांत रखने के लिए दुर्गा चालीसा हर रोज़ पढ़ते थे|
  • अगर आप हर दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं तो धीरे धीरे आपके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है| आपके विचार शुद्ध हो जाते हैं|
  • दुर्गा चालीसा पढ़ने वाला व्यक्ति अपने दुश्मन को पल भर में मात देने की क्षमता रखता है|
  • हर इंसान के लिए उसका परिवार बहुत ही ज्यादा मायने रखता है| कोई भी नहीं चाहता कि परिवार के किसी भी सदस्य पर कोई मुसीबत या दुःख आए| अगर आप भी अपने परिवार को दुःख और दरिद्रता से बचाना चाहते हैं तो आपको daily सच्ची मन से दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए| ऐसा माना जाता है की दुर्गा माता अपने भक्तों के सभी दुखों को हर लेती हैं|
  • दुर्गा चालीसा पढ़ने से आपका बौद्धिक विकास भी होता है| इसलिए आपको चाहिए की अपने busy schedule में से थोड़ा सा time निकालकर मां दुर्गा की उपासना करें और दुर्गा चालीसा पढ़ें|
  • अगर आपके मन में बहुत ही ज्यादा negative विचार आते हैं और उस condition से आप बाहर आना चाहते हैं तो आपको चाहिए की श्रद्धा भाव से आदि शक्ति, मां दुर्गा चालीसा का पाठ करते रहें| बहुत ही जल्द हर प्रकार की negativity आपसे दूर हो जाएगी|
  • अगर आप सच्ची भक्ति करते हैं तो देवी मां आप पर प्रसन्न हो जाती हैं और आपका घर सुख समृद्धि और सम्पन्नता से भर देती हैं|

कैसे हुआ दुर्गा माता का सृजन

कैसे हुई मां दुर्गा की उत्पत्ति| इस सवाल का जवाब हम आपको देंगे| महिषासुर से युद्ध हारने के बाद जब सभी देवता तीस लाख सालों तक इधर उधर भटक रहे थे| तब देवताओं को भी समझ नहीं आ रहा था की आखिर करें तो करें क्या? कहां से लाएं ऐसी स्त्री जो बहुत ही शक्तिशाली हो और महिषासुर का वध कर सके| 

तब एक दिन सभी देवताओं ने सोचा की क्यों न हम सब मिलकर एक स्त्री की रचना करें| जिसमें हम सभी की शक्तियां समाहित हों| इस प्रस्ताव पर सभी की रजामंदी हो गई| फिर महादेव भगवान शिव ने कहा की हम ऐसी स्त्री की रचना तो कर सकते हैं पर उसे संभालेगा कौन?

क्यूंकी उस स्त्री की शक्तियां तो सबसे अधिक रहने वाली हैं| देवताओं और त्रिदेव के पास कोई और रास्ता नहीं था| इसलिए सभी ने मिलकर अंतरिक्ष में अपनी शक्तियों को एक जगह पर केंद्रित करना शुरू किया| इस शक्ति से एक बहुत बड़ा विस्फोट हुआ| ऐसा लगा जैसे कुछ पलों के लिए सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड ही उस विस्फोट में समा गया हो| फिर उस अग्नि के विस्फोट से उत्पन्न हुई जगत जननी मां दुर्गा जिनका जन्म युद्ध के लिए ही हुआ था| मां दुर्गा आसमान से भी ऊंची, 18 हाथों वाली, उतनी ही सुंदर और शक्तिशाली थी|

मां दुर्गा का चेहरा जो की शिव जी की शक्ति से बना था, हजारों सूर्य के जितना चमक रहा था| मां दुर्गा के केश यानी बाल यमराज की शक्ति से बने थे| मां की आखें अग्निदेव की शक्तियों को एकत्रित करके बनी हुई थीं| उनकी eyebrow या भुवें कामदेव की शक्तियों से बनी थीं|

वायु देव की शक्तियों से मां के कानों का निर्माण हुआ था| माता की नाक कुबेर की शक्तियों से बनी थी| उनके दांत दक्ष की शक्तियों से बने थे| देवी मां का निचला होंठ अरुणा की शक्तियों से बना था जो की सूर्यदेव के रथ का सारथी है| 

माता का ऊपरी होंठ कार्तिकेय की शक्तियों से बना था| विष्णु भगवान की शक्तियों ने मां दुर्गा को 18 हाथ दिए थे| उनके सभी 18 हाथों के नाखून वायुदेव जो की तूफानों के देवता माने जाते हैं उनकी शक्तियों से बने थे| माता की लाल सारी तारों के देवता की शक्ति से बनी है| 

विश्वकर्मा जी ने मां दुर्गा के हाथों में पहनने के लिए अंगूठी और बालों में पहनने के लिए आभूषण बनाए| समुद्र के देवता माने जाने वाले वरुण देव ने मां के लिए कमल के फूलों को बनाया जिनकी खुशबू कभी भी ख़त्म होने वाले नहीं थी| हिमावत जो की पहाड़ों के देवता हैं उन्होंने माता दुर्गा के लिए बहुत ही शक्तिशाली और सोने के रंग का शेर बनाया| जैसे ही मां ने शेर की सवारी की, उस शेर ने इतनी तेज़ गर्जना की कि जिससे पूरा ब्रह्माण्ड कांपने लगा| युद्ध के लिए तैयार करने के लिए सभी देवताओं ने मां दुर्गा को अपने अपने हथियार दिए| आइए एक नजर इसपर भी डालते हैं की दुर्गा मां को किसने कौन से अस्त्र शस्त्र दिए थे|

दुर्गा मां को किसने कौन से अस्त्र शस्त्र दिए?

दोस्तों, दुर्गा माता को बहुत से देवताओं में अस्त्र शस्त्र प्रदान किए थे| विष्णु भगवान ने उन्हें अपना सुदर्शन चक्र दिया| देवादि देव महादेव ने अपना त्रिशूल| वरुण देव जो की समुद्र के देवता हैं उन्होंने देवी मां को पानी से बनी हुई रस्सी दी| जिससे पूरी की पूरी सेना को एक बार में ही बांध कर मारा जा सकता है|

इसके साथ ही उन्होंने एक दिव्य शंख भी देवी दुर्गा को भेंट किया| इसके द्वारा समुद्र की लहरों को काबू किया जा सकता था| अग्नि देव ने अग्नि प्रहार करने वाले शास्त्र दिए| वरुण देव ने अपना धनुष और बाण दिए जो की कभी ख़त्म नहीं होते|

इंद्रदेव ने कहीं पर भी बिजली गिराने का शस्त्र दिया| साथ ही अपने हाथी अहरावत के गले का हार मां के शेर के गले में डाल दिया| यमराज ने अपना हथियार फांसी का फंदा दिया| जिसको जितनी दूर तक चाहो उतनी दूर तक फेंक कर किसी को भी मृत्युदंड दिया जा सकता है|

ब्रह्मा जी ने तांबे का कमंडल दिया इसमें गंगाजल भरा हुआ था| समय के देवता काल ने चमकदार कुल्हाड़ी दी| साथ ही विश्वकर्मा जी ने भी एक सुन्दर कुल्हाड़ी दी| इसके अलावा सोने से बना हुआ युद्ध में पहनने वाला कवच भी दिया| कुबेर ने मां को रत्नों से जड़ा हुआ एक प्याला दिया| सूर्यदेव ने अपनी रोशनी मां दुर्गा को दी| जिससे उनके चेहरे से हमेशा तेज उत्पन्न होता रहे| तब जाकर दुर्गा मां ने महिषासुर का वध किया|

Durga Chalisa PDF Download

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निष्कर्ष (Conclusion)

Friends, आज हमने आपको बताया की Durga Chalisa PDF से आप दुर्गा चालीसा पढ़कर अपने घर में हर तरह की सुख सुविधा और समृद्धी कायम कर सकते हैं| केवल नवरात्रों में ही नहीं बल्कि daily हमें Durga Chalisa PDF से देखकर दुर्गा मां की पूजा करनी चाहिए और दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए| दुर्गा चालीसा का पाठ करने से हमारे शरीर में एक अलग ही ऊर्जा का संचार होता है| ऐसी ही interesting जानकारी प्राप्त करने के लिए बने रहिए हमारे साथ|